
शेल्टर होम की लड़कियों को न्याय दो!
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की जवाबदेही बिहार के मुख्यमंत्री स्वीकार करें और अपने पद से इस्तीफा दें !
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना से आप सब वाकिफ हैं. ऐपवा के लगातार आंदोलन के दबाव में ब्रजेश ठाकुर समेत कुछ अपराधी गिरफ्तार हुए, लेकिन इस अपराध में सरकार और प्रशासन में बैठे बड़े – बड़े लोग भी शामिल हैं. इसलिए, पहले दिन से ही भाजपा जदयू गठबंधन की सरकार अपराधियों को बचाने में लगी थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की पूरी सरकारी मशीनरी को फटकार लगाते हुए इस मुकदमे को मुजफ्फरपुर और पटना हाईकोर्ट से हटाकर दिल्ली और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का निर्णय लिया है. इस बीच मधुबनी की तरह मोकामा के शेल्टर होम से भी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की पीड़ित लड़कियों को, जो गवाह थीं, गायब कर इस केस में साक्ष्य खत्म करने की कोशिश हुई. लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट के दबाव के कारण मोकामा से गायब लड़कियां दूसरे दिन ही बरामद कर ली गईं. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के जांच अधिकारी को बदलने के मामले में सीबीआई निदेशक को सजा दी और अब मुजफ्फरपुर पॉक्सो कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच का आदेश दिया है . किसी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात क्या हो सकती है ? जाहिर बात है कि मुख्यमंत्री को अपनी जवाबदेही स्वीकारनी चाहिए. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री रहते सही जांच नहीं हो सकती इसलिए हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दें.
बहनो, एक तरफ महिलाओं पर हिंसा, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है, शिक्षा व स्वास्थ्य का इंतजाम नहीं है. दूसरी तरफ, हमारे ही घर के नौजवान, हमारे बटे, पति, पिता, भाई सैनिकों की शहादत पर वोट बैंक की राजनीति हो रही है. इसलिए आइये हम बिना डरे शासक वर्ग के सच को उजागर करें. आइए, आज हम मांग करें कि सैनिकों की शहादत पर वोटों की राजनीति बंद हो और बिहार की मासूम गरीब, दलित ,अनाथ बच्चियों पर अन्याय, बलात्कार और हिंसा के मामले में सरकार अपनी जवाबदेही ले और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें.महिला दिवस हम महिलाओं का दिन है इसलिए आइये, आज हम हड़ताल करें और पूरे बिहार में हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर कर कहें कि अब हम अन्याय -अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे.
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(ऐपवा).